निर्भया मामले सिर्फ पवन के पास विकल्प

सिर्फ पवन के पास विकल्प
निर्भया मामले में चार जीवित दोषियों में से केवल पवन गुप्ता के पास ही कानूनी विकल्प मौजूद हैं। बाकी तीन दोषी विनय शर्मा, मुकेश सिंह और अक्षय ठाकुर पहले ही सभी उपलब्ध विकल्पों का इस्तेमाल कर चुके हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट पवन की नाबालिग होने की याचिका और इस पर उसकी रिव्यू पिटीशन खारिज कर चुका है।



फांसी की नई तारीख 3 मार्च
पटियाला हाउस कोर्ट चारों दोषियों के तीन बार डेथ वॉरंट जारी कर चुका है। लेकिन उनके द्वारा कानूनी विकल्प इस्तेमाल करने से फांसी 2 बार टल गई थी। अब फांसी की नई तारीख 3 मार्च है, लेकिन दोषियों के वकील एपी सिंह ने दावा किया है- लिखकर रख लो इस तारीख को फांसी नहीं होगी, क्योंकि लूट का एक मामला दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है।


पहला डेथ वॉरंट (7 जनवरी): 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी देने का आदेश, एक दोषी की दया याचिका लंबित रहने से फांसी नहीं हुई।
दूसरा डेथ वॉरंट (17 जनवरी): 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी देना का आदेश, 31 जनवरी को कोर्ट ने अनिश्चितकाल के लिए फांसी टाली।
तीसरा डेथ वॉरंट (17 फरवरी): 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी का आदेश, दोषियों के वकील ने कहा- अभी हमारे पास कानूनी विकल्प बाकी हैं।


16 दिसंबर 2012 को 6 दोषियों ने निर्भया से दरिंदगी की
16 दिसंबर, 2012 की रात दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा से 6 लोगों ने चलती बस में दरिंदगी की थी। गंभीर जख्मों के कारण 26 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी। घटना के नौ महीने बाद यानी सितंबर 2013 में निचली अदालत ने 5 दोषियों...राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई थी। मार्च 2014 में हाईकोर्ट और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी। ट्रायल के दौरान मुख्य दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य दोषी नाबालिग होने की वजह से 3 साल में सुधार गृह से छूट चुका है।